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राजस्थान में बुलेट बाबा मंदिर की यात्रा: Royal Enfield बाइक की पूजा की जाती है

ऐसी ही एक कहानी राजस्थान के एक मंदिर की है। राजस्थान में एक ऐसा मंदिर है जहां किसी भगवान की नहीं बल्कि मोटरसाइकिल की पूजा की जाती है। जी हां ये सच है।

Royal Enfield Bike Worship: आपने लोगों को अलग-अलग देवताओं की पूजा करते देखा होगा। अलग अलग भगवान के लिए देश भर में कई मंदिर बनाए गए हैं। हालांकि हमारे देश में कुछ ऐसे मंदिर हैं जिसकी एक रहस्यमय कहानी है।

ऐसी ही एक कहानी राजस्थान के एक मंदिर की है। राजस्थान में एक ऐसा मंदिर है जहां किसी भगवान की नहीं बल्कि मोटरसाइकिल की पूजा की जाती है। जी हां ये सच है।

क्या आपने कभी किसी मोटरसाइकिल की पूजा होते देखी है और क्या उसके नाम पर कोई मंदिर भी बना है? अगर नहीं तो आज हम आपको इस मंदिर के बारे में बताएंगे। इस मंदिर में किसी ऐसे वैसे बाइक की नहीं बल्कि Royal Enfield बुलेट 350 बाइक की पूजा की जाती है।

हम आपको जो कहानी बताने वाले हैं वो एक Royal Enfield बुलेट 350 पर सवारी करने वाले व्यक्ति की कहानी है। ये मंदिर राजस्थान में स्थित है।

ओम बन्ना धाम या बुलेट बाबा मंदिर की जो जोधपुर से लगभग 50 किमी और पाली से 20 किमी दूर NH-62 जोधपुर-पाली एक्सप्रेसवे पर स्थित है।

क्या है इस मंदिर की कहानी-

लगभग 30 साल पहले, एक दुर्भाग्यपूर्ण रात में, ओम सिंह राठौर, एक युवा लड़का से राजस्थान में बांगड़ी पाली के पास अपने चोटिला गांव की ओर जा रहा था। इस दौरान उसका बाइक से कंट्रोल खो गया।

 बाइक पेड़ से टकरा गई और ओम की मौके पर ही मौत हो गई। स्थानीय पुलिस ने बाइक को अपने कब्जे में ले लिया लेकिन अगले ही दिन पुलिस थाने से बाइक रहस्यमय तरीके से गायब हो गई और दुर्घटनास्थल पर मिली।

शुरू में, पुलिस ने इस बात पर अधिक ध्यान न देते हुए उस बाइक को फिर से अपने पुलिस स्टेशन ले गए। और पुलिस स्टेशन से एक बार फिर, ओम बन्ना की रॉयल एनफील्ड बुलेट 350 रजिस्ट्रेशन नंबर RNJ-7773 के साथ जंजीरों से बंद थी और ईंधन टैंक खाली कर दिया गया था।

हालांकि इन सभी प्रयासों के बावजूद, मोटरसाइकिल दुर्घटनास्थल पर अगले दिन भी दिखाई दी। पुलिसकर्मियों द्वारा बाइक को अपने थाने में रखने का हर प्रयास हर बार की तरह विफल रहा, बाइक सुबह होने से पहले ही दुर्घटनास्थल पर लौट आई।

इसके तुरंत बाद, यह खबर जंगल की आग की तरह आस-पास के गांवों में फैल गई और तब से, ग्रामीणों ने ‘बुलेट बाइक’ की पूजा करनी शुरू कर दी और मंदिर का नाम बुलेट बाबा या ओम बन्ना धाम रखा गया।

मंदिर से जुड़ी ये है मान्यताएं

ऐसा माना जाता है कि आज भी ओम बन्ना की आत्मा NH-62 जोधपुर-पाली हाईवे पर अपनी मोटरसाइकिल पर सवार होती है जहां दुर्घटना हुई थी और परेशान यात्रियों की मदद करती है।

इसके अलावा, एक धारणा यह भी है कि ओम बन्ना की आत्मा यात्रियों को सुरक्षित रखती है क्योंकि ग्रामीणों का मानना है कि पिछले कुछ सालों में, खासकर ओम सिंह राठौड़ के निधन के बाद, छोटिला गांव के आसपास सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी आई है।

ये भी कहा जाता है कि मंदिर में ओम बन्ना की बाइक ओम बन्ना धाम की यात्रा करने वाले लोगों की इच्छाओं और प्रार्थनाओं को पूरा करती है।

सबसे लोकप्रिय मान्यताओं में से एक यह है कि यदि आप पाली-जोधपुर राजमार्ग से गुजर रहे हैं तो आपको रुकना चाहिए और उक्त मंदिर के दर्शन करने चाहिए और ऐसा करने से आप अपनी यात्रा के दौरान सुरक्षित रहेंगे।

दूसरी ओर ग्रामीणों का यह भी कहना है कि यदि आप मंदिर की उपेक्षा कर यहां बिना रुके सीधे चले गए तो दुर्घटना होना तय है। ओम बन्ना पर ग्रामीणों की आस्था निश्चित रूप से प्रशंसनीय है।

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