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भारत सरकार ने जारी की अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए नयी गाइडलाइन्स; 13 फरवरी से होगी लागू

पिछले साल Covid-19 के केसेस की संख्या में बढ़ोत्तरी के कारण भारत सरकार ने कोरोना को रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे। कई सारे कड़े नियम लागू किये थे जिससे यात्रा पर काफी असर पड़ा था। 

इन नियमों के चलते 6 देशों को काफी कड़े नियमों के साथ रेस्ट्रिक्ट कर दिया था। इन्हें भारत जाने के लिए कोरोना की टेस्ट रिपोर्ट दिखानी पड़ती थी। और साथ ही देश में एंटर करने से पहले एयर सुविधा पोर्टल पर एक सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भी भरना होता था। 

लेकिन हाल ही में कोरोना केसेस में कमी देखने को मिली है। इसीलिए भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी “इंटरनेशनल यात्रियों के लिए गाइडलाइन” में कुछ राहत पेश की है। सरकार ने कोरोना टेस्टिंग रिपोर्ट और सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म की जरूरत को हटा दिया है। 

ये नई गाइडलाइन्स यात्रियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखने के साथ-साथ कोरोना के फैलाव को भी रोकेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा जारी किये गए सर्कुलर के अनुसार यह अपडेटेड गाइडलाइन्स February 13, 2023 (11.00 Hrs. IST) से लागू होगी। 

क्या है अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए जारी इस गाइडलाइन्स में?

नहीं होगी RT-PCR टेस्ट की जरुरत 

भारत ने इन 6 एशियन देशों से आने वाले ट्रैवेलर्स के लिए RT-PCR टेस्ट की जरुरत को हटा दिया गया है – Thailand, Singapore, Japan, Hong Kong, South Korea, and China. 

यह नोट करना भी जरुरी है कि January 01, 2023 से भारत सरकार ने अपनी हेल्थ गाइड लाइन्स तो अपडेट किया है। इसके चलते उपरोक्त सभी देशों से आने वाले लोगों के लिए कोरोना की नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट जरुरी होगी। 

कोई सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म नहीं 

RT-PCR टेस्ट के साथ ही सरकार ने यात्रियों को एक और राहत दी है – कि अब उन्हें एयर सुविधा पोर्टल पर लाइन लगा कर कोई सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भी नहीं भरना होगा। 

ट्रेवल प्लान करते वक्त यह ध्यान रखें 

सभी ट्रैवेलर्स से यह भी अनुरोध किया गया है कि यात्री भारत आने से पहले कृपया वैक्सीन जरुर लगवाएं। 

ट्रेवल के दौरान यह ध्यान रखें 

फ्लाइट में मास्क पहनने के लिए अनाउंसमेंट किया जायेगा और कोरोना को रोकने के लिए अन्य कदम भी उठाये जायेंगे। 

यात्रा के दौरान यदि किसी यात्री पर कोई कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे अलग बिठा दिया जायेगा और आगे उपचार के लिए भेज दिया जायेगा।  

अराइवल के वक्त ध्यान में रखने वाली बातें 

प्लेन से उतरते समय यात्रियों को निश्चित दूरी बनाये रखनी होगी – सोशल डिस्टैन्सिंग का पालन करना होगा। इसी के साथ यात्रियों की थर्मल टेस्टिंग भी की जाएगी। 

अगर स्क्रीनिंग के वक्त किसी भी यात्री पर कोरोना के सिप्टोमस दिखाई देते हैं तो उसे तुरंत मेडिकल इमरजेंसी के लिए भेज दिया जायेगा। 

हर फ्लाइट में 2% रैंडम यात्रियों पर कोरोना टेस्टिंग की जाएगी और यदि इस दौरान कोई लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे जेनोमिक टेस्टिंग के लिए INSACOG लैब भेज दिया जायेगा। 

हर यात्री को अपना स्वयं का ध्यान रखना होगा और किसी भी प्रकार के कोरोना लक्षण के दिखते ही नजदीकी हेल्थ सेण्टर या नेशनल या स्टेट हेल्पलाइन पर सूचना देनी होगी। 

यहाँ पर एक यह भी बात गौर करने वाली है कि 12 साल या उससे कम उम्र के बच्चो को अब भारत में एंट्री के बाद कोई टेस्टिंग नहीं देनी होगी। हाँ लेकिन, यदि कोई लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे मेडिकल के लिए भेज दिया जायेगा। 

जारी रहेगी रैंडम टेस्टिंग 

भारत सरकार द्वारा प्री-डिपार्चर टेस्टिंग में टेस्टिंग में राहत के बाद भी 2% के हिसाब से रैंडम टेस्टिंग जारी रहेगी। चाहे यात्री किसी भी देश के यात्री क्यों न हो। 

यह 2% की जरुरी रैंडम टेस्टिंग इसलिए रखी है ताकि नए कोरोना वरिएन्ट SARS-CoV-2 के फैलाव को भारत में रोका जा सके। 

भारत सरकार के इन नए नियमों के चलते अब यात्रियों के साथ-साथ एयरलाइन्स को भी इन 6 कन्ट्रीज से सर्विस के लिए राहत मिलेगी। 

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